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मीर तक़ी मीर

1723 - 1810 | दिल्ली, भारत

उर्दू के पहले बड़े शायर जिन्हें 'ख़ुदा-ए-सुख़न' (शायरी का ख़ुदा) कहा जाता है

उर्दू के पहले बड़े शायर जिन्हें 'ख़ुदा-ए-सुख़न' (शायरी का ख़ुदा) कहा जाता है

मीर तक़ी मीर

ग़ज़ल 343

नज़्म 2

 

अशआर 245

राह-ए-दूर-ए-इश्क़ में रोता है क्या

आगे आगे देखिए होता है क्या

पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है

जाने जाने गुल ही जाने बाग़ तो सारा जाने है

कोई तुम सा भी काश तुम को मिले

मुद्दआ हम को इंतिक़ाम से है

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हम हुए तुम हुए कि 'मीर' हुए

उस की ज़ुल्फ़ों के सब असीर हुए

उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ दवा ने काम किया

देखा इस बीमारी-ए-दिल ने आख़िर काम तमाम किया

मर्सिया 34

क़ितआ 26

रुबाई 104

मीरियात 1825

पुस्तकें 144

चित्र शायरी 31

वीडियो 45

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इस अहद में इलाही मोहब्बत को क्या हुआ

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क़त्ल किए पर ग़ुस्सा क्या है लाश मिरी उठवाने दो

शम्सुर रहमान फ़ारूक़ी

देख तो दिल कि जाँ से उठता है

मेहदी हसन

देख तो दिल कि जाँ से उठता है

मेहदी हसन

देख तो दिल कि जाँ से उठता है

मेहदी हसन

दिल की बात कही नहीं जाती चुपके रहना ठाना है

मोहम्मद रफ़ी

आ जाएँ हम नज़र जो कोई दम बहुत है याँ

अज्ञात

इश्क़ क्या क्या आफ़तें लाता रहा

मेहरान अमरोही

उम्र भर हम रहे शराबी से

अमजद परवेज़

उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया

मेहदी हसन

उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया

Urdu Studio

उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया

भारती विश्वनाथन

उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया

मेहरान अमरोही

उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया

बेगम अख़्तर

उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया

फ़्रांसेस डब्ल्यू प्रीचेट

उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया

मीर तक़ी मीर

क्या कहूँ तुम से मैं कि क्या है इश्क़

मेहरान अमरोही

काश उठीं हम भी गुनहगारों के बीच

मेहरान अमरोही

ग़म रहा जब तक कि दम में दम रहा

मेहरान अमरोही

चलते हो तो चमन को चलिए कहते हैं कि बहाराँ है

इक़बाल बानो

चलते हो तो चमन को चलिए कहते हैं कि बहाराँ है

एम. कलीम

चलते हो तो चमन को चलिए कहते हैं कि बहाराँ है

मेहदी हसन

जिस सर को ग़ुरूर आज है याँ ताज-वरी का

ज़मर्रुद बानो

देख तो दिल कि जाँ से उठता है

मेहदी हसन

देख तो दिल कि जाँ से उठता है

अज्ञात

दिल की बात कही नहीं जाती चुपके रहना ठाना है

बेगम अख़्तर

पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है

मेहरान अमरोही

पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है

भारती विश्वनाथन

पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है

लता मंगेशकर

फ़क़ीराना आए सदा कर चले

मेहरान अमरोही

मुँह तका ही करे है जिस तिस का

मेहरान अमरोही

मुँह तका ही करे है जिस तिस का

मेहदी हसन

यारो मुझे मुआ'फ़ रखो मैं नशे में हूँ

सलीम रज़ा

यारो मुझे मुआ'फ़ रखो मैं नशे में हूँ

मेहरान अमरोही

यारो मुझे मुआ'फ़ रखो मैं नशे में हूँ

सी एच आत्मा

यारो मुझे मुआ'फ़ रखो मैं नशे में हूँ

पंकज उदास

यारो मुझे मुआ'फ़ रखो मैं नशे में हूँ

मेहरान अमरोही

यारो मुझे मुआ'फ़ रखो मैं नशे में हूँ

छाया गांगुली

हस्ती अपनी हबाब की सी है

मेहदी हसन

हस्ती अपनी हबाब की सी है

हबीब वली मोहम्मद

हस्ती अपनी हबाब की सी है

मेहरान अमरोही

ऑडियो 47

इश्क़ में नय ख़ौफ़-ओ-ख़तर चाहिए

उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया

कुछ मौज-ए-हवा पेचाँ ऐ 'मीर' नज़र आई

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