aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
Kaifi Azmi Ki Nazm : Nazrana | Aaj Ki Raat Jo Meri Tarah Tanha Hai | @Rekhta
शब्दार्थ
फ़ितरत में आदमी की है मुबहम सा एक ख़ौफ़
उस ख़ौफ़ का किसी ने ख़ुदा नाम रख दिया
"रंगीनी-ए-हवस का वफ़ा नाम रख दिया" ग़ज़ल से की गोपाल मित्तल
पाकिस्तान के आग्रणी आधुनिक शायरों में विख्यात/फि़ल्मों के लिए गीत भी लिखे