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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Abdul Mannan Tarzi's Photo'

अब्दुल मन्नान तरज़ी

1940 | दरभंगा, भारत

बिहार की मशहूर साहित्यिक प्रतिभा, शायरी के साथ विभिन्न साहित्यिक विषयों पर अपनी पद्यात्मक रचनाओं के लिए जाने जाते हैं

बिहार की मशहूर साहित्यिक प्रतिभा, शायरी के साथ विभिन्न साहित्यिक विषयों पर अपनी पद्यात्मक रचनाओं के लिए जाने जाते हैं

अब्दुल मन्नान तरज़ी के शेर

क्या यहाँ देखिए क्या वहाँ देखिए

आप ही आप हैं अब जहाँ देखिए

ख़ून जब अश्क में ढलता है ग़ज़ल होती है

जब भी दिल रंग बदलता है ग़ज़ल होती है

इक क़यामत है आप का वा'दा

चलिए ये भी अज़ाब हो जाए

दर्द का सिलसिला है जहाँ तक

दिल की जागीर होगी वहाँ तक

तेरी यादों के लम्हे भी बेदर्द थे

तुझ को मुझ से चुराते रहे रात-भर

लुत्फ़-ए-सोहबत मता-ए-उल्फ़त है

कुछ कहो और कुछ सुनो प्यारे

इस कश्मकश में तेरी गली से परे रहे

आए कहाँ पे हर्फ़ कहाँ पर आए हर्फ़

नाम-लेवा तुम्हारा है 'तरज़ी'

आदमी की तरह मिलो प्यारे

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