अब्दुल्लाह ज़करिया 20अगस्त 1969 को आज़मगढ़ ज़िले के एक गांव अलाउद्दीन पट्टी में पैदा हुए। परिवार में एक विद्वान गुज़र चुके हैं जिन्हें दुनिया मौलाना अब्दुल सलाम नदवी के नाम से जानती है जिनकी किताब "शे'र-उल-हिंद" की गिनती उर्दू शायरी पर आलोचना की प्रथम प्रमाणित पुस्तकों में होती है।
घर का माहौल बहुत मज़हबी था। आरंभिक शिक्षा गांव के मदरसे में हुई, फिर बिलरियागंज में स्थित जामिअत-उल-फ़लाह नाम के मदरसे में दाख़िल कर दिया गया जहां से आलमियत और फ़ज़ीलत का इम्तिहान पास किया और आगे की शिक्षा के लिए दिल्ली का रुख़ किया।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया से बी.ए.और एम.ए की डिग्री हासिल की। शे'र ओ शायरी का शौक़ बचपन ही से था जिसे उनके मामूं अख़्तर हुसैन ने और प्रोत्साहित किया जो स्वयं साहिब-ए-दीवान शायर थे,उर्फ़ी आफ़ाक़ तख़ल्लुस करते थे, जिनका दीवान "समंदर फिर बुलाता है" नाम से उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी ने प्रकाशित किया है।
अब्दुल्लाह ज़करिया ने लगभग 18 वर्ष एन डी टी वी चैनल में काम किया। वर्तमान में वह मुंबई में निवास करते हैं और डाक्युमेंट्री फ़िल्में बनाते हैं।