अब्दुर रऊफ़ उरूज के शेर
ख़मोशी मेरी लय में गुनगुनाना चाहती है
किसी से बात करने का बहाना चाहती है
-
टैग : बहाना
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ये तबस्सुम का उजाला ये निगाहों की सहर
लोग यूँ भी तो छुपाते हैं अंधेरे दिल में
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ज़िंदगी अज़्मत-ए-हाज़िर के बग़ैर
इक तसलसुल है मगर ख़्वाबों का
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
नफ़स के लोच को ख़ंजर बनाना चाहती है
मोहब्बत अपनी तेज़ी आज़माना चाहती है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ज़ुल्मतें वहशत-ए-फ़र्दा से निढाल
ढूँढती फिरती हैं घर ख़्वाबों का
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड