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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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अख़तर मुस्लिमी

1928 - 1989 | आज़मगढ़, भारत

परम्परा की गहरी चेतना के साथ शायरी करने के लिए प्रसिद्ध

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अख़तर मुस्लिमी की ग़ज़लें

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