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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

अशफ़ाक़ आमिर के शेर

अपनी ख़ुशी से मुझे तेरी ख़ुशी थी अज़ीज़

तू भी मगर जाने क्यूँ मुझ से ख़फ़ा हो गया

ये रात ऐसी हवाएँ कहाँ से लाती है

कि ख़्वाब फूलते हैं और ज़ख़्म फलते हैं

अब ए'तिबार पे जी चाहता तो है लेकिन

पुराने ख़ौफ़ दिलों से कहाँ निकलते हैं

ये रोग लगा है अजब हमें जो जान भी ले कर टला नहीं

हर एक दवा बे-असर गई हर एक दुआ बे-असर हुई

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