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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Bahadur Shah Zafar's Photo'

बहादुर शाह ज़फ़र

1775 - 1862 | दिल्ली, भारत

आख़िरी मुग़ल बादशाह। ग़ालिब और ज़ौक़ के समकालीन

आख़िरी मुग़ल बादशाह। ग़ालिब और ज़ौक़ के समकालीन

बहादुर शाह ज़फ़र की चित्र शायरी

कोई क्यूँ किसी का लुभाए दिल कोई क्या किसी से लगाए दिल

तुम ने किया न याद कभी भूल कर हमें

हाल-ए-दिल क्यूँ कर करें अपना बयाँ अच्छी तरह

तुम ने किया न याद कभी भूल कर हमें

कोई क्यूँ किसी का लुभाए दिल कोई क्या किसी से लगाए दिल

तुम ने किया न याद कभी भूल कर हमें

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