चंदू लाल बहादुर शादान के शेर
आता नहीं जो सामने मारे हिजाब के
हम दिल से हैं निसार उसी आफ़्ताब के
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
भरोसा है तिरा ही और है तेरे सिवा किस का
न देवे आसरा जब तू मुझे हो आसरा किस का
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
नेकी का कोई काम ही आया नहीं मुझ से
क्या होवेगा अंजाम मिरा कुछ नहीं मा'लूम
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
हैराँ था कि दिल मेरा कहाँ जा के छुपा है
जुगनू की तरह यार की दस्तार में चमका
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
नूर था या शो'ला था या बर्क़ या ख़ुर्शीद था
कुछ तो ऐ मूसा कहो क्या था वो जल्वा तूर का
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
जब ग़ुंचे ने सर अपना गरेबाँ से निकाला
बुलबुल ने क़दम फिर न गुलिस्ताँ से निकाला
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
जल्वा-गर था हर जगह का'बा था या बुत-ख़ाना था
घर हज़ारों थे मगर वो एक साहब-ख़ाना था
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड