डाॅक्टर भावना श्रीवास्तव एक क़ाबिल सिविल सरवेंट और नुमायाँ शायरा हैं, जो वाराणसी से तअल्लुक़ रखती हैं और मशरिक़ी हिन्दुस्तान की गंगा-जमुनी तहज़ीब-ओ-सक़ाफ़त की नुमाइंदगी करती हैं। 1981 में वाराणसी में पैदा होने वाली डाॅक्टर श्रीवास्तव ने अपना डाॅक्टरेट (बायोलाॅजी में पी.एच.डी.) बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से मुकम्मल किया।
फ़िलहाल, वो उतर प्रदेश हुकूमत के इलाक़ाई आला तालीम के महकमे में फ़ाइनेंस और एकाउंट्स ऑफ़ीसर के तौर पर काम कर रही हैं।
हाल ही में उनकी नज़्में “परवाज़-ए-ग़ज़ल” के मुशतर्का इशाअत में शाए हुईं। उन्हें मुख़्तलिफ़ मारूफ़ सक़ाफ़ती प्रोग्रामों में सराहा गया और इज़्ज़त-अफ़ज़ाई की गई, जैसे डाॅक्टर अमृतलाल इशरत की याद में ऑल इंडिया मुशायरा, जहाँ मशहूर शायरा शबीना अदीब और शायर जौहर कानपुरी जैसे शायर भी मौजूद थे। उन्हें उलूक़ महोत्सव, महाकवि विद्यापति महोत्सव, और जश्न-ए-भारत में ग़ज़लों और गीतों के वाचन पर सराहा गया। हाल ही में उन्हें गोरखपुर में ‘वीरांगना पुरस्कार’ से नवाज़ा गया। वो एक क़ुदरती ख़िताबत की सलाहियत से मालामाल हैं और मुख़्तलिफ़ ऑनलाइन और ऑफ़लाइन सक़ाफ़ती महफ़िलों और मुशायरों में मुसलसल अपने फ़न का मुज़ाहरा करती रहती हैं। उनकी सुरीली आवाज़ उनका क़ीमती असासा है।