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Fariha Naqvi's Photo'

पाकिस्तान की नई नस्ल की शाइरात में नुमायाँ

पाकिस्तान की नई नस्ल की शाइरात में नुमायाँ

फ़रीहा नक़वी का परिचय

ऐन मुमकिन है उसे मुझ से मोहब्बत ही हो

दिल बहर-तौर उसे अपना बनाना चाहे

लाहौर से संबंध रखने वाली ख़ूबसूरत लब-ओ-लहजे की शायरा फ़रीहा नक़वी 5 जनवरी को लाहौर के सादात (सैयद) घराने में पैदा हुईं। उन्होंने कविता की शुरुआत स्कूल के ज़माने से की। उन्होंने उर्दू में एम.ए. किया है। फ़रीहा नक़वी छोटी बहरों में सहल-ए-मुम्तिना के अशआर कहने पर पकड़ रखती हैं और अपनी शायरी  की बदौलत काफ़ी शोहरत प्राप्त कर चुकी हैं। वह पाकिस्तान की युवा पीढ़ी की प्रतिनिधि शायरात में से हैं। स्त्रियों की भावनाओं की मुखर अभिव्यक्ति  उनकी गज़लों में नज़र आती है।

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