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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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ग़ुफ़रान अमजद

1959 | बैंगलोर, भारत

ग़ुफ़रान अमजद के शेर

कोई जुगनू कोई तारा कोई सूरज कोई चाँद

और अजब बात कि महरूम-ए-उजाला सब हैं

कब से बंजर थी नज़र ख़्वाब तो आया

शुक्र है दश्त में सैलाब तो आया

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