संपूर्ण
परिचय
ग़ज़ल26
शेर21
हास्य शायरी1
ई-पुस्तक3
चित्र शायरी 1
ऑडियो 1
वीडियो4
क़िस्सा14
तंज़-ओ-मज़ाह1
हरी चंद अख़्तर
ग़ज़ल 26
अशआर 21
हमें भी आ पड़ा है दोस्तों से काम कुछ यानी
हमारे दोस्तों के बेवफ़ा होने का वक़्त आया
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मिलेगी शैख़ को जन्नत हमें दोज़ख़ अता होगा
बस इतनी बात है जिस बात पर महशर बपा होगा
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रहे दो दो फ़रिश्ते साथ अब इंसाफ़ क्या होगा
किसी ने कुछ लिखा होगा किसी ने कुछ लिखा होगा
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