हसन नज्मी सिकन्दरपुरी का परिचय
उपनाम : ''नज्मी''
मूल नाम : मुहम्मद हसन
जन्म : 01 Nov 1913 | सिकंदरपुर, उत्तर प्रदेश
निधन : 19 Nov 1989
हम को इस की क्या ख़बर गुलशन का गुलशन जल गया
हम तो अपना सिर्फ़ अपना आशियाँ देखा किए
हसन नजमी देशप्रेम और राष्ट्रप्रेम की भावनाओं से लबरेज़ शाइरी के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने प्रगतिवादी विचारधारा के साथ शाइरी की. इन्क़लाब और प्रतिरोध का एक पुरज़ोर वर्णन उनकी शाइरी और अफ़सानों में नज़र आता है.
हसन नजमी की पैदाइश एक नवम्बर 1913 को सिकंदरपुर बलिया में हुई. आरम्भिक शिक्षा गोरखपुर में प्राप्त की. बंगाल नागपुर रेलवे में मुलाज़िम रहे. 1938 में उनका ट्रांसफ़र खड़गपुर होगया. यहाँ से सेवानिवृत के बाद दिल्ली में स्थाई रूप से रहने लगे.
हसन नजमी के दो काव्य संग्रह ‘कसक’ और ‘शब-ए-चराग़’ प्रकाशित हुए. ‘मोम की औरत’ और ‘फूल खिले वीराने में’ अफ़सानों के दो संग्रह प्रकाशित हुए. 29 नवम्बर 1989 को देहांत हुआ.