अँधेरे इस लिए रहते हैं साथ साथ मिरे
ये जानते हैं मैं इक रोज़ रौशनी करूँगा
इनाम आज़मी का ताल्लुक़ बिहार से है। आप15 अप्रैल1997 को पोखेरा ज़िला सीतामढ़ी, बिहार में पैदा हुए। आरंभिक शिक्षा वहीं से हासिल की। आपने सिविल ब्रांच से इंजीनियरिंग की है और फ़िल वक़्त बतौर इंजीनियर अपने दायित्व का निर्वाह कर रहे हैं।
जहां तक इनाम आज़मी की शायरी का ताल्लुक़ है इन्होंने बहुत कम वक़्त में अपने अनोखे अंदाज़ और अद्वितीय ख़्यालात के साथ उर्दू शायरी की दुनिया में अपनी पहचान बनाई है। इनाम आज़मी की उम्र हालांकि मुख़्तसर है मगर इस मुख़्तसर उम्र में ही वो वर्तमान शायरी के सिलसिले की एक अहम कड़ी बन कर सामने आए हैं। इनाम आज़मी के यहां जो सुबुक, रवां और प्रत्यक्ष क़िस्म की शैली पाई जाती है वो हमारी आधुनिक शायरी की प्रमुख विशेषता है। उनके अशआर में जो सहसापन और बेचैनी है उन्हें पढ़ कर ये महसूस होता है कि वो हमारे दिली जज़्बात को व्यक्त कर रहे हैं। उनकी शे’री लफ़ज़ियात उनकी आंतरिक भावनाओं के इतने अनुरूप हैं कि वो हमें प्रकृति का शाश्वत गीत मालूम होते हैं।