Iqbal Azeem's Photo'

इक़बाल अज़ीम

1913 - 2000 | कराची, पाकिस्तान

इक़बाल अज़ीम

ग़ज़ल 25

अशआर 29

झुक कर सलाम करने में क्या हर्ज है मगर

सर इतना मत झुकाओ कि दस्तार गिर पड़े

  • शेयर कीजिए

आदमी जान के खाता है मोहब्बत में फ़रेब

ख़ुद-फ़रेबी ही मोहब्बत का सिला हो जैसे

  • शेयर कीजिए

हम बहुत दूर निकल आए हैं चलते चलते

अब ठहर जाएँ कहीं शाम के ढलते ढलते

यूँ सर-ए-राह मुलाक़ात हुई है अक्सर

उस ने देखा भी नहीं हम ने पुकारा भी नहीं

  • शेयर कीजिए

क़ातिल ने किस सफ़ाई से धोई है आस्तीं

उस को ख़बर नहीं कि लहू बोलता भी है

नअत 4

 

पुस्तकें 3

 

चित्र शायरी 1

 

वीडियो 37

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए

इक़बाल अज़ीम

इक़बाल अज़ीम

इक़बाल अज़ीम

इक़बाल अज़ीम

इक़बाल अज़ीम

इक़बाल अज़ीम

इक़बाल अज़ीम

इक़बाल अज़ीम

इक़बाल अज़ीम

Reciting own poetry

इक़बाल अज़ीम

अपने मरकज़ से अगर दूर निकल जाओगे

इक़बाल अज़ीम

अपने माज़ी से जो विर्से में मिले हैं हम को

इक़बाल अज़ीम

अल्लाह रे यादों की ये अंजुमन-आराई

इक़बाल अज़ीम

आँखों से नूर दिल से ख़ुशी छीन ली गई

इक़बाल अज़ीम

आप मेरी तबीअ'त से वाक़िफ़ नहीं मुझ को बे-जा तकल्लुफ़ की आदत नहीं

इक़बाल अज़ीम

कुछ ऐसे ज़ख़्म भी दर-पर्दा हम ने खाए हैं

इक़बाल अज़ीम

ज़ब्त भी चाहिए ज़र्फ़ भी चाहिए और मोहतात पास-ए-वफ़ा चाहिए

इक़बाल अज़ीम

ज़हर दे दे न कोई घोल के पैमाने में

इक़बाल अज़ीम

नक़्श माज़ी के जो बाक़ी हैं मिटा मत देना

इक़बाल अज़ीम

बिल-एहतिमाम ज़ुल्म की तज्दीद की गई

इक़बाल अज़ीम

माना कि ज़िंदगी से हमें कुछ मिला भी है

इक़बाल अज़ीम

सब समझते हैं कि हम किस कारवाँ के लोग हैं

इक़बाल अज़ीम

ऑडियो 5

कुछ ऐसे ज़ख़्म भी दर-पर्दा हम ने खाए हैं

ज़ब्त भी चाहिए ज़र्फ़ भी चाहिए और मोहतात पास-ए-वफ़ा चाहिए

माना कि ज़िंदगी से हमें कुछ मिला भी है

Recitation

aah ko chahiye ek umr asar hote tak SHAMSUR RAHMAN FARUQI

संबंधित शायर

"कराची" के और शायर

Recitation

aah ko chahiye ek umr asar hote tak SHAMSUR RAHMAN FARUQI

Jashn-e-Rekhta | 2-3-4 December 2022 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate, New Delhi

GET YOUR FREE PASS
बोलिए