इरफ़ान आबिद के शेर
हालात कह रहे हैं कि अब वो न आएँगे
उम्मीद कह रही है ज़रा इंतिज़ार कर
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तड़पेंगे तिरी याद में घबराएँगे तन्हा
ऐ दोस्त किसी तौर न जी पाएँगे तन्हा
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जीने का अकेले तो तसव्वुर भी नहीं है
हम तुझ से जुदा होंगे तो मर जाएँगे तन्हा
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