Josh Malihabadi's Photo'

जोश मलीहाबादी

1898 - 1982 | इस्लामाबाद, पाकिस्तान

सबसे गर्म मिज़ाज प्रगतिशील शायर जिन्हें शायर-ए-इंकि़लाब (क्रांति-कवि) कहा जाता है

सबसे गर्म मिज़ाज प्रगतिशील शायर जिन्हें शायर-ए-इंकि़लाब (क्रांति-कवि) कहा जाता है

जोश मलीहाबादी

ग़ज़ल 47

नज़्म 31

अशआर 45

दिल की चोटों ने कभी चैन से रहने दिया

जब चली सर्द हवा मैं ने तुझे याद किया

हद है अपनी तरफ़ नहीं मैं भी

और उन की तरफ़ ख़ुदाई है

  • शेयर कीजिए

मेरे रोने का जिस में क़िस्सा है

उम्र का बेहतरीन हिस्सा है

  • शेयर कीजिए

एक दिन कह लीजिए जो कुछ है दिल में आप के

एक दिन सुन लीजिए जो कुछ हमारे दिल में है

  • शेयर कीजिए

तबस्सुम की सज़ा कितनी कड़ी है

गुलों को खिल के मुरझाना पड़ा है

  • शेयर कीजिए

मर्सिया 2

 

क़ितआ 2

 

रुबाई 35

क़िस्सा 18

पुस्तकें 358

चित्र शायरी 10

 

वीडियो 48

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए

जोश मलीहाबादी

जोश मलीहाबादी

जोश मलीहाबादी

जोश मलीहाबादी

जोश मलीहाबादी

जोश मलीहाबादी

जोश मलीहाबादी

जोश मलीहाबादी

जोश मलीहाबादी

जोश मलीहाबादी

जोश मलीहाबादी

जोश मलीहाबादी

जोश मलीहाबादी

जोश मलीहाबादी

जोश मलीहाबादी

जोश मलीहाबादी

Bol ek tare jhan jhan jhan jhan

जोश मलीहाबादी

Josh Malihabadi Marsia Rubaai

जोश मलीहाबादी

Josh reading a Marsiya

जोश मलीहाबादी

Marsiya - Mojid O Mufakkir

जोश मलीहाबादी

Rubayi reading by Josh

जोश मलीहाबादी

Shayaron ka manshoor (nazm)

जोश मलीहाबादी

Takhleeqe Bengal

जोश मलीहाबादी

ग़ुंचे तेरी ज़िंदगी पे दिल हिलता है

जोश मलीहाबादी

अज़मत-ए-इंसान

जोश मलीहाबादी

अपनी मल्का-ए-सुख़न से

ऐ शम-ए-'जोश' ओ मशअ'ल-ए-ऐवान-ए-आरज़ू जोश मलीहाबादी

क्या गुल-बदनी है

किस दर्जा फ़ुसूँ-कार वो अल्लाह ग़नी है जोश मलीहाबादी

रिश्वत

लोग हम से रोज़ कहते हैं ये आदत छोड़िए जोश मलीहाबादी

ऑडियो 8

क़दम इंसाँ का राह-ए-दहर में थर्रा ही जाता है

गुदाज़-ए-दिल से बातिन का तजल्ली-ज़ार हो जाना

ज़ालिम ये ख़मोशी बेजा है इक़रार नहीं इंकार तो हो

Recitation

संबंधित ब्लॉग

 

"इस्लामाबाद" के और शायर

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 2-3-4 December 2022 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate, New Delhi

GET YOUR FREE PASS
बोलिए