aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Kaif Azimabadi's Photo'

कैफ़ अज़ीमाबादी

1937

कैफ़ अज़ीमाबादी

ग़ज़ल 5

 

अशआर 4

दीवार-ओ-दर पे ख़ून के छींटे हैं जा-ब-जा

बिखरा हुआ है रंग-ए-हिना तेरे शहर में

  • शेयर कीजिए

ख़ुशबू-ए-हिना कहना नर्मी-ए-सबा कहना

जो ज़ख़्म मिले तुम को फूलों की क़बा कहना

  • शेयर कीजिए

तुम समुंदर की रिफ़ाक़त पे भरोसा करो

तिश्नगी लब पे सजाए हुए मर जाओगे

निकल आए तन्हा तिरी रह-गुज़र पर

भटकने को हम कारवाँ छोड़ आए

पुस्तकें 3

 

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए