Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Kuldeep Kumar's Photo'

कुलदीप कुमार

1987 | बांधवगढ़, भारत

कुलदीप कुमार का परिचय

दरख़्त करते नहीं इस लिए उमीद-ए-वफ़ा

वो जानते हैं परिंदों के पर निकलते हैं

नौजवान शायर कुलदीप कुमार का ताल्लुक़ मध्य प्रदेश के मानपुर ज़िला बाँधो गढ़ (उमरिया) से है। आप10 अगस्त1987 को पैदा हुए। आपने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन ब्रांच से इंजीनियरिंग की है और फ़िलहाल एम पी लैंड एंड रेवेन्यू विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

जहां तक उनकी शायरी का सम्बंध है उनके अशआर विचार की गहराई और अर्थ की सुंदरता से भरपूर हैं जो पाठकों के दिल-ओ-दिमाग़ पर स्थायी प्रभाव छोड़ते हैं। कुलदीप कुमार का कमाल ये है कि उनकी शायरी में नवीनता के बावजूद कहीं कोई झोल और भारीपन नहीं है। कुलदीप कुमार के व्यक्तित्व की सादगी उनकी शायरी में स्पष्ट है और सादगी के बावजूद उनके अशआर में एक विशेष प्रकार की स्थिति पाई जाती है। उनकी प्रतिनिधि ग़ज़लें रेख़्ता हर्फ़-ए-ताज़ा सीरीज़ की किताब “क़ाफ़िल-ए-नौ-बहार” में प्रकाशित हो चुकी हैं।

संबंधित टैग

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए