मिर्ज़ा आज़म अली आज़म के शेर
इस लिए चुप हैं कि कोई नहीं सुनने वाला
वर्ना कहने को सरापा लब-ए-गोया हम हैं
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ज़िंदगी भर न यम-ए-दीदा-ए-गिर्यां ठहरा
कश्ती-ए-उम्र डुबोई तो ये तूफ़ाँ ठहरा
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ज़ख़्म कारी लगा तो चूम लिया
क़ब्ज़ा ख़ंजर का हाथ क़ातिल का
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड