Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Misdaque Azmi's Photo'

मिस्दाक़ आज़मी

1973 | आज़मगढ़, भारत

मिस्दाक़ आज़मी के शेर

ख़ुशनुमा मंज़र भी सब धुंधले नज़र आते हैं यार

जब दिलों में भी उतर जाती है सहराओं की ख़ाक

फ़क़त मिलना-मिलाना कम हुआ है

हमारी दोस्ती टूटी नहीं है

ग़ार वालों की तरह निकला है वो कमरे से आज

उस को इस दुनिया की तब्दीली का अंदाज़ा नहीं

इक तबस्सुम का भरम आबाद होंटों पर किए

जी रहे हैं लोग अपनी अपनी वीरानी के साथ

मिरे मूनिस ग़म-ख़्वार मुझे मरने दे

बात अब हुक्म की तामील तक पहुँची है

Recitation

बोलिए