Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
noImage

मुक़द्दस मालिक

1991 | सरगोधा, पाकिस्तान

मुक़द्दस मालिक का परिचय

ख़ूबसूरत लब-ओ-लहजे की शायरा मुक़द्दस मलिक नौजवान ख़वातीन शाएरात में एक बेहतरीन इज़ाफ़ा हैं। आपकी शायरी में परिपक्वता और तल्ख़ी दोनों मौजूद हैं। आप न सिर्फ़ ये कि इश्क़-ओ-मुहब्बत जैसे विषयों पर लिखती हैं बल्कि समाज की असमानताओं को भी नोक-ए-क़लम पर लाते हुए उन्हें कागज़ के पृष्ठों पर उतारती हैं।

मुक़द्दस मलिक सरगोधा में पैदा हुईं और सरगोधा में ही रहती हैं। आपकी शिक्षा एफ़.ए तक है। आपने बाक़ायदा शायरी का आग़ाज़ 2017 से सोशल मीडिया के ज़रीये किया। शायरी में पसंदीदा विधा के बारे में आपका कहना है कि, शायरी की विधा का जहां तक सम्बंध है तो मेरी नज़र में तो शायरी एहसास का नाम है और एहसास जिस रंग में भी हो वो ख़ूबसूरत है। आपके पसंदीदा शायरों में ग़ालिब, फ़ैज़, मुहसिन नक़वी और नासिर काज़मी वग़ैरा शामिल हैं। मुक़द्दस मलिक का शे’री लहजा समकालीन शे’री लहजों से भिन्न है। ज़िंदगी के दुखों और परेशानियों को काव्यात्मक रूप में ढाल कर इस तरह पेश करना कि एक दृश्य संरचना पाकर सांस लेने लगे, उनकी प्रमुख विशेषता है।

संबंधित टैग

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए