नौजवान पीढ़ी के बीच बहुत जल्द लोकप्रियता पाने वाले शायर मुझदम ख़ान का सम्बंध पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के शहर रहीमयार ख़ान से है। आपका असल नाम आसिफ़ ख़ान है, आप एक जनवरी1990 को रहीमयार ख़ान में पैदा हुए। आपने वहीं से बी.ए किया और फ़िलहाल आप शायरी के साथ साथ अपना ट्रांसपोर्ट का बिज़नेस सँभाल रहे हैं।
मुझदम ख़ान उन शायरों में से एक हैं जिनके हाँ शे’र कहने का अनोखा अंदाज़ और आकर्षक सलीक़ा नज़र आता है। मुझदम ख़ान के शे’री मिज़ाज में निरंतर बदलाव इस बात का सबूत है कि वो नए से नए ज़ावियों की तलाश में किस क़दर लीन रहते हैं। हम कह सकते हैं कि मुझदम ख़ान की शायरी जुरअत और बेबाकी का उत्कृष्ट नमूना है।
उनके हाँ नए और अछूते ख़्यालात और नए से नए विषयों की कमी नहीं है जिनको वो बड़ी ख़ूबी के साथ अपने अशआर में इस्तेमाल करते हैं। उनके कलाम में व्यापक अध्ययन की झलक तो नज़र आती ही है लेकिन उनका अवलोकन और कल्पना की दुनिया का दायरा भी बहुत व्यापक नज़र आता है जिससे ज़ाहिर होता है कि केवल अध्य्यन ही अच्छी रचना का प्रेरक नहीं अवलोकन भी ज़रूरी है।