नवीन सी. चतुर्वेदी
ग़ज़ल 15
अशआर 11
प्यास को प्यार करना था केवल
एक अक्षर बदल न पाए हम
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
भुला दिया है जो तू ने तो कुछ मलाल नहीं
कई दिनों से मुझे भी तिरा ख़याल नहीं
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
बग़ैर पूछे मिरे सर में भर दिया मज़हब
मैं रोकता भी तो कैसे कि मैं तो बच्चा था
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
मिरा साया मिरे बस में नहीं है
मगर दुनिया पे दावा कर रहा हूँ
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
किस को फ़ुर्सत है जो हर्फ़ों की हरारत समझाए
बात आसानी तक आए तो सभी तक पहुँचे
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए