नज़ीर फ़तेहपूरी के दोहे
धरती को धड़कन मिली मिला समय को ज्ञान
मेरे जब जब लब खुले उठा कोई तूफ़ान
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टैग : शेर
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बीते जिस की छाँव में मौसम के दिन रात
अपने मन की आस का टूट गया वो पात
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काग़ज़ को मैं ने दिया शब्दों का वर्दान
गीत ग़ज़ल के रूप में मुझे मिला सम्मान
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