aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1932 - 2016 | ख़ैबर पुख़्तुंख़ुवा, पाकिस्तान
शायर,शोधकर्ता और अनुवादक/ग़ालिब के फ़ारसी पत्रों के उर्दू अनुवाद और अपने ''दोहे'' के लिए प्रसिद्ध
वक़्त ने सब भुला दिया 'परतव'
इश्क़ क्या शय है आशिक़ी क्या है
आँख से ओझल हो और टूटे पर्बत जैसी प्रीत
मुँह देखे की यारी 'परतव' शीशे की सी प्रीत
तेरे मिलन का सुख न पाया पीत हुई जंजाल
साजन मेरे मन में धड़के बिर्हा का घड़ियाल
साजन तुम तो आप ही भूले अपने प्रीत के बोल
अब मैं किस के द्वारे जाऊँ ले चाहत कश्कोल
Aawaz
1991
Baare Ghalib Ka Kuch Bayan Hojay
2012
ग़ालिब और ग़मगीन के फ़ारसी मक्तूबात
Intihaa-e-Shab
2008
Kulliyat-e-Maktoobat-e-Farsi Ghalib
2010
कुल्लियात-ए-मक्तूबात-ए-फ़ारसी-ए-ग़ालिब
Mushkilat-e-Ghalib
Mutafarreqat-e-Ghalib
Mutafarriqat-e-Ghalib
2005
Nawa-e-Shab
1986
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