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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Pranav Mishra Tejas's Photo'

प्रणव मिश्र तेजस

1999 | लखीमपुर खीरी, भारत

युवा उर्दू कवि

युवा उर्दू कवि

प्रणव मिश्र तेजस के शेर

मुझ से ख़ला में बात भी करना नहीं रफ़ीक़

ऐसे ख़ला में बात भी करना है इक गुनाह

जाते नहीं हैं और कहीं फाँकने को धूल

सहरा हमारे घर का है मेहमान इन दिनों

अपनी तलब में शौक़ से जगते हैं रात-भर

हम को किसी के इश्क़ का मारा जानिए

सिगरेट से जा के दूर गिरा ख़ाक हो गया

आया शरर की शक्ल में सोज़-ए-निहाँ का दर्द

सज्दा हुआ हमेशा फ़क़ीरों के इल्म पर

हम आगही पे मरते हैं पोशाक पर नहीं

जाने कौन सी तुरपन उधेड़ रक्खी है

किसी के जाने से इतना भी कौन रोता है

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