सादिक़ुल ख़ैरी की कहानियाँ
धनक
यह एक जज के बेटे की कहानी है, जो अपने श़ौक के लिए बिना कोई इम्तिहान पास किए रेलवे में भर्ती हो जाता है। उसे एक स्टेशन पर टिकट कलेक्टर की पोस्ट दी जाती है। वहाँ काम करते हुए उसे रेलवे की बेहतरी के तरह-तरह के ख़्याल आते रहते हैं। उनमें से एक ख़्याल पर वह अमल भी करता है। मगर उस अमल को करते हुए एक रोज़ ऐसी दुर्घटना होती है कि उसकी आने वाली ज़िदंगी के सभी ख़्वाब बिखर जाते हैं।
अकेला दरख़्त
एक ऐसे व्यक्ति की कहानी, जिसके संबंध बहुत सी औरतों के साथ रहे थे। जब उसकी शादी हुई तो उसे अपनी बीवी पर बड़ा नाज़़ हुआ और वह उससे दिल-ओ-जान से मोहब्बत करने लगा। मगर एक रोज़ जब वह माल रोड से टहल कर लौटता है तो उसे अपनी बीवी गुम-सुम नज़र आती है। पूछने पर पता चला कि उसे अपना कोई पुराना आशिक़ याद आ रहा है।
देवता की मुस्कुराहट
यह एक ऐसे शख़्स की कहानी है, जो अपने साथी क्लर्कों के साथ एलीफेंटा जज़ीरे पर घूमने जाता है। उस समूह में एक सैलानी लड़की भी होती है। वह उसके आसपास चक्कर लगाता है। मगर लड़की कोई नोटिस नहीं लेती। घूमते-घूमते वे एक देव के सामने जा खड़े होते हैं। उसे देखकर लड़के को लगता है कि देव के तन का ऊपरी हिस्सा ज़नाना और नीचे का मर्दाना है। संयोग से वे लोग और वह लड़की जज़ीरे पर ही छूट जाते हैं। वह शख़्स जब उस लड़की के साथ ज़बरदस्ती करता है तो देखता है कि उस लड़की के शरीर का भी ऊपरी हिस्सा ज़नाना और नीचे का मर्दाना है।