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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Sadiq's Photo'

लब्धप्रतिष्ठ आलोचक, अनुवादक और शायर। मराठी और हिंदी कविताओं के अनुवाद के लिए मशहूर, दिल्ली विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग से सम्बद्ध।

लब्धप्रतिष्ठ आलोचक, अनुवादक और शायर। मराठी और हिंदी कविताओं के अनुवाद के लिए मशहूर, दिल्ली विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग से सम्बद्ध।

सादिक़ के शेर

काट आगाहियों की फ़स्ल मगर

ज़ेहन में कुछ नए सवाल उगा

फ़ुर्सत हो तो ये जिस्म भी मिट्टी में दबा दो

लो फिर मैं ज़माँ और मकाँ से निकल आया

गुमाँ था कि लिफ़ाफ़े में ख़त के बदले वो

लहू-लुहान तड़पती ज़बान रख देगा

उन की याद में बहते आँसू ख़ुश्क अगर हो जाएँगे

सात समुंदर अपनी ख़ाली आँखों में भर लाऊँगा

उठा ही लाया सभी रास्ते वो काँधों पर

यक़ीन उस पे करता तो मैं किधर जाता

अपने गले पे चलती छुरी का भी ध्यान रख

वो तेज़ है या कुंद ज़रा धार देख ले

इस घूमती ज़मीन का मेहवर ही तोड़ दो

बे-कार गर्दिशों पे ख़फ़ा हो रहे हूँ क्यूँ

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