ख़ूबसूरत लब-ओ-लहजे की शायरा सीमाब ज़फ़र का ताल्लुक़ पाकिस्तान के ख़ूबसूरत शहर रावलपिंडी से है। आप सात जनवरी1985 को रावलपिंडी में पैदा हुईं। एल एलबी (ऑनर्ज़) की सनद हासिल कर चुकीं हैं, 2013 में सी एस एस का इम्तिहान पास किया और आजकल बतौर डिप्टी कमिशनर इनलैंड रेवेन्यू, रावलपिंडी अपनी सेवाएं दे रही हैं।
आपको लिखने-पढ़ने का शौक़ छात्र जीवन से रहा है, यूनीवर्सिटी से बेहतरीन ड्रामा राईटर और बेहतरीन अदाकारा का ऐवार्ड अपने नाम कर चुकी हैं। आपने आरम्भ में नज़्में कहीं मगर अब पूरा रुजहान ग़ज़ल की तरफ़ है। मीर, फ़ैज़, नून मीम राशिद, सर्वत हुसैन आपके पसंदीदा शायरों में शामिल हैं। यूं तो युवा पीढ़ी ने ग़ज़ल का रोग पाल लिया है मगर सीमाब ज़फ़र की ग़ज़ल उनके समकालीनों में बिल्कुल जुदा नज़र आती है। इनका रंग, इनका ढंग इनका अपना है। आप शे’र कहने के हुनर से बख़ूबी आगाह हैं। इनके कलाम से ये बात वाज़िह होती है कि सीमाब ज़फ़र मयार से कम पर तर्जीह नहीं देतीं, यही आपकी विशेषता है जो कि दूसरे शायरों से आपको अलग करता है।