शैख़ अली बख़्श बीमार
ग़ज़ल 9
अशआर 3
दम न निकला यार की ना-मेहरबानी देख कर
सख़्त हैराँ हूँ मैं अपनी सख़्त-जानी देख कर
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere