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Sher Singh Naaz Dehlvi's Photo'

शेर सिंह नाज़ देहलवी

1898 - 1962 | दिल्ली, भारत

शेर सिंह नाज़ देहलवी

ग़ज़ल 20

अशआर 3

चूम कर आया है ये दस्त-ए-हिनाई आप का

क्यूँ रक्खूँ मैं कलेजे से लगा कर तीर को

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निगह-ए-लुत्फ़ में है उक़्दा-कुशाई मुज़्मर

काम बिगड़े हुए बंदों के सँवर जाते हैं

बातों में ढूँडते हैं वो पहलू मलाल का

मतलब ये है कि ज़िक्र आए विसाल का

 

पुस्तकें 2

 

ऑडियो 7

क्या ख़बर थी कोई रुस्वा-ए-जहाँ हो जाएगा

ज़ुल्फ़-ए-जानाँ पे तबीअत मिरी लहराई है

ज़िंदगी नाम है जिस चीज़ का क्या होती है

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