सय्यद ज़मीर जाफ़री के क़िस्से
पड़ोसी के दरवाज़े पर दस्तक
ज़मीर जाफ़री जिन दिनों स्टेलाइट टाउन में रहते थे। एक जैसे मकानों के नक़्शे की वजह से एक शाम भूल कर किसी और के दरवाज़े पर दस्तक दे बैठे। दरवाज़ा खुलने पर दूसरी औरत को देखकर जाफ़री साहब को अपनी ग़लती का एहसास हो गया। फ़ौरन वापस पलटे। इस फे़’ल का ज़िक्र जब