सय्यद ज़मीर जाफ़री के क़िस्से
ख़ालिद का क़लम और ज़मीर की उर्दू
लाहौर एयरपोर्ट पर रवानगी से क़ब्ल सय्यद ज़मीर जाफ़री साहब ने एक दोस्त का पता नोट करने के लिए अपनी जेबें टटोलीं मगर क़लम उनके पास नहीं था। पास खड़े अब्दुल अज़ीज़ ख़ालिद साहब ने जाफ़री साहब की ज़रूरत को भाँपते हुए अपना क़लम पेश किया। जाफ़री साहब ने नोट बुक खोली मगर