Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Yasir Khan Inam's Photo'

यासिर ख़ान इनाम

1986 | दिल्ली, भारत

हिन्दुस्तान की नई आवाज़ों में एक नुमायाँ नाम, ग़ज़ल में ताज़गी और नयापन, नौजवानों में बेहद मक़बूल

हिन्दुस्तान की नई आवाज़ों में एक नुमायाँ नाम, ग़ज़ल में ताज़गी और नयापन, नौजवानों में बेहद मक़बूल

यासिर ख़ान इनाम का परिचय

उपनाम : 'यासिर'

जन्म : 12 Mar 1986 | बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश

तुम्हारे ख़त में नज़र आई इतनी ख़ामोशी

कि मुझ को रखने पड़े अपने कान काग़ज़ पर

यासिर ख़ान 12 मार्च 1986 को बुलंदशहर में पैदा हुए। उतर प्रदेश के एक छोटे से गाँव से तअल्लुक़ रखने वाले यासिर ने पिछले चंद सालों में अपनी शानदार ग़ज़लियात और नज़्मों के ज़रीए पूरे मुल्क में अपनी पहचान बनाई है। इस वक़्त वो नोएडा की एक निजी फ़र्म में अस्सिटेंट मैनेजर के तौर पर काम कर रहे हैं।
यासिर ख़ान इनाम समकालीन उर्दू ग़ज़ल की एक उभरती हुई आवाज़ हैं, जो अपने मुन्फ़रिद अंदाज़ और गहरे जज़्बाती असरात के लिए जाने जाते हैं। उनकी ग़ज़ल अक्सर क्लासिकी मज़ामीन को नए एहसासात के साथ पेश करती है, जो मोहब्बत, दुख, और ख़ुद-शनासी के पहलुओं को उजागर करती है। इंसानी जज़्बात की नज़ाकतों को समझते हुए, उनकी ग़ज़लें रिवायती शायरी पर नया ज़ाविया पेश करती हैं। यासिर ख़ान इनाम का कलाम सादगी और गहरी संजीदगी के लिए पहचाना जाता है, जिसकी बदौलत वो शायरी के दीवानों के दिलों में जगह बना चुके हैं।

Recitation

बोलिए