ज़ुबैर क़ैसर के शेर
तिरा जवाब मिरे काम का नहीं है अब
कि मैं तो भूल चुका हूँ सवाल वैसे ही
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ये नफ़सियाती मरीज़ों का शहर है 'क़ैसर'
कोई सवाल उठाओगे मारे जाओगे
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मैं उस के जाल में आऊँगा देखना 'क़ैसर'
वो मुझ को धोके से घर में बुला के मारेगा
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
तिरी तस्वीर उठाई हुई है
रौशनी ख़्वाब में आई हुई है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
सुब्ह तक बे-तलब मैं जागूँगा
आज तो बे-सबब मैं जागूँगा
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
शिकस्ता ख़्वाब मिरे आईने में रक्खे हैं
ये क्या अज़ाब मिरे आइने में रक्खे हैं
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड