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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Best short sayings in Urdu

Assorted quotes that

are the very definition of short, sharp, and simple. Pen them down on your personal diary or inscribe one on your coffee-mug, whatever you choose to do, they'll be etched in your memory for long!

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Duniya Mein Jitni Laantein Hain, Bhook Unki Maan Hai.

Duniya Mein Jitni Laantein Hain, Bhook Unki Maan Hai.

Saadat Hasan Manto

Dil Aisi Shay Nahi Jo Baanti Ja Sake.

Dil Aisi Shay Nahi Jo Baanti Ja Sake.

Saadat Hasan Manto

Bhook Kisi Qism Ki Bhi Ho, Bahut Khatarnaak Hai.

Bhook Kisi Qism Ki Bhi Ho, Bahut Khatarnaak Hai.

Saadat Hasan Manto

ग़ुस्सा जितना कम होगा उस की जगह उदासी लेती जाएगी।

Mushtaq Ahmad Yusufi

Jism Daagha Ja Sakta Hai Magar Rooh Nahi Daaghi Ja Sakti.

Jism Daagha Ja Sakta Hai Magar Rooh Nahi Daaghi Ja Sakti.

Saadat Hasan Manto

Har Aurat Vaishya Nahi Hoti Lekin Har Vaishya Aurat Hoti Hai, Is Baat Ko Hamesha Yaad Rakhna Chaahiye.

Har Aurat Vaishya Nahi Hoti Lekin Har Vaishya Aurat Hoti Hai, Is Baat Ko Hamesha Yaad Rakhna Chaahiye.

Saadat Hasan Manto

Zabaan Banaai Nahi Jaati, Khud Banti Hai Aur Na Insaani Koshishein Kisi Zabaan Ko Fanaa Kar Sakti Hain.

Zabaan Banaai Nahi Jaati, Khud Banti Hai Aur Na Insaani Koshishein Kisi Zabaan Ko Fanaa Kar Sakti Hain.

Saadat Hasan Manto

हर दुख, हर अज़ाब के बाद ज़िंदगी आदमी पर अपना एक राज़ खोल देती है।

Mushtaq Ahmad Yusufi

दौलत से आदमी को जो इज़्ज़त मिलती है वह उसकी नहीं, उसकी दौलत की इज़्ज़त होती है।

Premchand

Har Haseen Cheez Insaan Ke Dil Mein Apni Waq'at Paida Kar Deti Hai. Khwaah Insaan Ghair-tarbiyat-yaafta Hi Kyun Na Ho?

Har Haseen Cheez Insaan Ke Dil Mein Apni Waq'at Paida Kar Deti Hai. Khwaah Insaan Ghair-tarbiyat-yaafta Hi Kyun Na Ho?

Saadat Hasan Manto

मैं एक मज़दूर हूँ, जिस दिन कुछ लिख लूँ उस दिन मुझे रोटी खाने का कोई हक़ नहीं।

Premchand

मायूसी मुम्किन को भी ना-मुम्किन बना देती है।

Premchand

Vaishya Paida Nahi Hoti, Banaai Jaati Hai, Ya Khud Banti Hai.

Vaishya Paida Nahi Hoti, Banaai Jaati Hai, Ya Khud Banti Hai.

Saadat Hasan Manto

किताबों की दुनिया मुर्दों और ज़िंदों दोनों के बीच की दुनिया है।

Firaq Gorakhpuri

शायरी का आला-तरीन फ़र्ज़ इन्सान को बेहतर बनाना है।

Premchand

माज़ी चाहे जैसा हो उसकी याद हमेशा ख़ुशगवार होती है।

Premchand

हर दौर अदब पैदा करने के अपने नुस्ख़े साथ लेकर आता है।

Intizar Hussain

क़ौमों को जंगें तबाह नहीं करतीं। कौमें उस वक़्त तबाह होती हैं, जब जंग के मक़ासिद बदल जाते हैं।

Intizar Hussain

आज का लिखने वाला ग़ालिब और मीर नहीं बन सकता। वो शायराना अज़्मत और मक़्बूलियत उसका मुक़द्दर नहीं है। इसलिए कि वह एक बहरे, गूँगे, अंधे मुआशरे में पैदा हुआ है।

Intizar Hussain

कहते हैं सिगरेट के दूसरे सिरे पर जो राख होती है दर-अस्ल वो पीने वाले की होती है।

Mohammad Yunus Butt

जो चीज़ मसर्रत-बख़्श नहीं हो सकती, वह हसीन नहीं हो सकती।

Premchand

अदब की बेहतरीन तारीफ़ तन्क़ीद-ए-हयात है। अदब को हमारी ज़िंदगी पर तबसेरा करना चाहिए।

Premchand

रिश्तों की तलाश एक दर्द भरा अमल है। मगर हमारे ज़माने में शायद वो ज़्यादा ही पेचीदा और दर्द भरा हो गया है।

Intizar Hussain

सोज़-ओ-गुदाज़ में जब पुख़्तगी जाती है तो ग़म, ग़म नहीं रहता बल्कि एक रुहानी संजीदगी में बदल जाता है।

Firaq Gorakhpuri

हमें हुस्न का मेयार तब्दील करना होगा। अभी तक उसका मेयार अमीराना और ऐश परवराना था।

Premchand

हर माक़ूल आदमी का बीवी से झगड़ा होता है क्योंकि मर्द औरत का रिश्ता ही झगड़े का है।‏

Rajinder Singh Bedi

क़ौमी ज़बान के बग़ैर किसी क़ौम का वुजूद ही ज़हन में नहीं आता।

Premchand

दर-अस्ल शादी एक लफ़्ज़ नहीं पूरा फ़िक़्रा है।

Shafiqur Rahman

ज़िंदगी के ख़ारिजी मसाइल का हल शायरी नहीं, लेकिन वो दाख़िली मसाइल का हल ज़रूर है।

Firaq Gorakhpuri

अगर ये बात ठीक है कि मेहमान का दर्जा भगवान का है तो मैं बड़ी नम्रता से आपके सामने हाथ जोड़ कर कहूँगा कि ‎मुझे ‎‏भगवान से भी नफ़रत है।‏

Rajinder Singh Bedi

ज़बान शुऊर का हाथ-पैर है।

Firaq Gorakhpuri

आदमी का सबसे बड़ा दुश्मन उसका अहंकार है।

Premchand

फ़नकार को अवाम की अदालत में अपने हर अमल के लिए जवाब देना होगा।

Premchand

Jo Darwaaze M'aashi Kashmakash Ne Eik Dafa Khol Diye Hon, Bahut Mushkil Se Band Kiye Ja Sakte Hain.

Jo Darwaaze M'aashi Kashmakash Ne Eik Dafa Khol Diye Hon, Bahut Mushkil Se Band Kiye Ja Sakte Hain.

Saadat Hasan Manto

तन्हाई का एहसास अगर बीमारी बन जाये तो उसी तरह आरज़ी है जैसे मौत का ख़ौफ़।

Syed Ehtisham Husain

अदब इंक़लाब नहीं लाता बल्कि इंक़लाब के लिए ज़हन को बेदार करता है।

Aale Ahmad Suroor

ग़ज़ल हमारी सारी शायरी नहीं है, मगर हमारी शायरी का इत्र ज़रूर है।

Aale Ahmad Suroor

इंसानी उ'म्र की सिर्फ़ तीन ही सूरतें हैं। जवानी, जवानी और जो आई।

Mohammad Yunus Butt

ताज महल उसी बावर्ची के ज़माने में तैयार हो सकता था जो एक चने से साठ खाने तैयार कर सकता था।

Intizar Hussain

ग़म का भी एक तरबिया पहलू होता है और निशात का भी एक अलमिया पहलू होता है।

Firaq Gorakhpuri

किसी क़ौम को अहमक़ बनाना हो तो उस क़ौम के बच्चों को आसान और सहज लफ़्ज़ों के बदले जबड़ा तोड़ लफ़्ज़ घुँटवा दीजिए। सब बच्चे अहमक़ हो जाएंगे।

Firaq Gorakhpuri

अस्ल में हमारे यहाँ मौलवियों और अदीबों का ज़हनी इर्तिक़ा (बौद्धिक विकास) एक ही ख़ुतूत पर हुआ है।

Intizar Hussain

क़दीमी (प्राचीन) समाज में अफ़्साना होता था, अफ़्साना-निगार नहीं होते थे।

Intizar Hussain

अफ़्साने का मैं तसव्वुर ही यूँ करता हूँ जैसे वो फुलवारी है, जो ज़मीन से उगती है।

Intizar Hussain

हर मतरूक (अप्रचलित) लफ़्ज़ एक गुमशुदा शहर है और हर मतरूक उस्लूब-ए-बयान (शैली) एक छोड़ा हुआ इलाक़ा।

Intizar Hussain

फ़सादाद के मुतअ'ल्लिक़ जितना भी लिखा गया है उसमें अगर कोई चीज़ इंसानी दस्तावेज़ कहलाने की मुस्तहिक़ है तो मंटो के अफ़साने हैं।

Mohammad Hasan Askari

रटे हुए लफ़्ज़ों से बड़ा अदब नहीं बना करता।

Firaq Gorakhpuri

अलिफ़ लैला को बस यूँ समझ लीजिए कि सारे अरबों ने या एक पूरी तहज़ीब ने उसे तस्नीफ़ किया है।

Intizar Hussain

फ़न की वजह से फ़न्कार अज़ीज़ और मोहतरम होना चाहिए। फ़न्कार की वजह से फ़न नहीं।

Aale Ahmad Suroor

ग़ज़ल इबारत, इशारत और अदा का आर्ट है।

Aale Ahmad Suroor

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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