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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

सिगरेट पर शेर

कमरे में फैलता रहा सिगरेट का धुआँ

मैं बंद खिड़कियों की तरफ़ देखता रहा

कफ़ील आज़र अमरोहवी

सिगरटें चाय धुआँ रात गए तक बहसें

और कोई फूल सा आँचल कहीं नम होता है

वाली आसी

हम्माम के आईने में शब डूब रही थी

सिगरेट से नए दिन का धुआँ फैल रहा था

आदिल मंसूरी

हुए ख़त्म सिगरेट अब क्या करें हम

है पिछ्ला पहर रात के दो बजे हैं

रज़्ज़ाक़ अरशद

सिगरेट जिसे सुलगता हुआ कोई छोड़ दे

उस का धुआँ हूँ और परेशाँ धुआँ हूँ मैं

अमीक़ हनफ़ी

मुझ से मत बोलो मैं आज भरा बैठा हूँ

सिगरेट के दोनों पैकेट बिल्कुल ख़ाली हैं

मुज़फ़्फ़र हनफ़ी

जलती हुई सिगरेट बुझाई नहीं मैं ने

जीने के लिए और सहारा भी नहीं था

अख़्तर जमाल

धुआँ सिगरेट का बोतल का नशा सब दुश्मन-ए-जाँ हैं

कोई कहता है अपने हाथ से ये तल्ख़ियाँ रख दो

ज़ुबैर रिज़वी

अब मा-हसल हयात का बस ये है 'सलाम'

सिगरेट जलाई शे'र कहे शादमाँ हुए

सलाम मछली शहरी

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