उदासी बाल खोले सो रही है: नासिर काज़मी
नासिर काज़मी की शायरी में एक अजीब सा आकर्षण है, जिसे पढ़कर पाठक मंत्रमुग्ध हो जाता है। इस कलेक्शन में नासिर काज़मी के प्रसिद्ध शेरों को शामिल किया गया है। इस चयन को पढ़ें और नासिर काज़मी के सर्वांगीण व्यक्तित्व को समझें।
याद है अब तक तुझ से बिछड़ने की वो अँधेरी शाम मुझे
तू ख़ामोश खड़ा था लेकिन बातें करता था काजल
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मुद्दत से कोई आया न गया सुनसान पड़ी है घर की फ़ज़ा
इन ख़ाली कमरों में 'नासिर' अब शम्अ जलाऊँ किस के लिए