ये किस मक़ाम पे सूझी तुझे बिछड़ने की: जमाल एहसानी
जमाल एहसानी उर्दू ज़बान के एक मुम्ताज़ शायर हैं, जिन्हें उर्दू अदब, ख़ास तौर पर ग़ज़ल के शोबे में उनकी दिलकश ख़िदमात के लिए सराहा जाता रहा है। उनकी शायराना चमक और शोहरत का शोर अदबी हलक़ों में गहराईयों से गूँजता नज़र आता है।ग़ज़ल-गोई के फ़न में उन्हें वसी'अ पैमाने पर पज़ीराई हासिल हुई, जिससे उन्होंने शायरी के शायक़ीन के दिलों में एक पाय-दार मुक़ाम हासिल किया।