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रेखाचित्र

दुनिया-भर के साहित्य में रेखाचित्र एक महत्वपूर्ण विधा रही है। इस विधा के द्वारा आज हम हज़ारों अहम और बज़ाहिर ग़ैर-अहम शख़्सियात को चलती-फिरती तस्वीरों की शक्ल में अपनी आँखों के सामने देख पाते हैं। उर्दू में भी इस विधा में बहुत लिखा गया है। मौलवी अब्दुल हक़, शाहिद अहमद देहलवी, अशरफ़ सबूही और सआदत हसन मंटो के रेखाचित्र आज भी बहुत दिलचस्पी से पढ़े जाते हैं। यहाँ आपके अध्ययन के लिए उर्दू में लिखे गए बेहतरीन रेखाचित्र उपलब्ध हैं। ये रेखाचित्र उर्दू और हिन्दी दोनों लिपियों में पढ़े जा सकते हैं।

1916 -2004

प्रसिद्ध शायर और आलोचक, अपनी आलोचना की पुस्तक ‘दो अदबी स्कूल’ के लिए भी जाने जाते हैं

1905 -1990

डिप्टी नज़ीर अहमद के परिवार के अहम व्यक्ति; नामी कथाकार, पत्रकार और अनुवादक; अपनी किताब ‘दिल्ली की चन्द अजीब हस्तियाँ’ के लिए प्रसिद्ध

1923 -2016

प्रख्यात साहित्यकार, आलोचक, शोधकर्ता और शायर, पूर्व प्रोफेसर, अध्यक्ष, रजिस्ट्रार कराची यूनिवर्सिटी

1916 -2006

पाकिस्तान के शीर्ष प्रगतिशील शायर/कहानीकारों में भी महत्वपूर्ण स्थान/सआदत हसन मंटो के समकालीन

1915 -1991

अपारंपरिक और खुले विचारों के लिए प्रसिद्ध फ़िक्शन रायटर, कहानी ‘लिहाफ़’ और उपन्यास ‘टेढ़ी लकीर’ के लिए ख्याति प्राप्त।

1958

प्रसिद्ध समकालीन शायर, अपनी नज़्मों के लिए मशहूर

1953

शायर, आलोचक और कथा लेखक, संवेदनशील सामाजिक विषयों पर उपन्यास और कहानी लेखन के लिए मशहूर।

1909 -1982

प्रवृत्ति निर्माता कहानीकार, अपने अफ़साने 'आनन्दी' के लिए विख्यात

1904 -1955

शायर एवं पत्रकार, हास्य लेखों के लिए लोकप्रिय

1866 -1955

अरबी, फ़ारसी और संस्कृत के प्रमुख स्कालर

1936 -2017

महत्वपूर्ण आधुनिक कथाकार, पुरातन लखनऊ के सांस्कृतिक परिदृश्य की रहस्यमयी कहानियाँ लिखने के लिए जाने जाते हैं। आलोचनात्मक आलेख और जीवनी की कई पुस्तकों की रचना की।

1927 -2006

प्रमुख आलोचक, अपनी बेबाकी और परम्परा-विरोध के लिए विख्यात

1928 -2012

प्रमुखतम आधुकि शायरों में विख्यात/दूर दर्शन से संबंध

1914 -1999

पाकिस्तान के प्रसिद्ध कहानीकार और नाटककार. पाकिस्तान के महत्वपूर्ण साहित्यिक सम्मानों से सम्मानित।

1892 -1977

प्रसिद्ध हास्य-व्यंगकार, उर्दू में अपनी विचित्र गद्य-शैली के लिए लोकप्रिय, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के उर्दू विभाग से सम्बद्ध रहे.

1915 -1984

उर्दू के महत्वपूर्ण अफ़साना निगारों में शामिल, मंटो के समकालीन, भारतीय समाज और लोक कथाओं से सम्बंधित कहानियां बुनने के लिए मशहूर. नॉवेल, ड्रामेऔर फिल्मों के लिए संवाद व स्क्रिप्ट लिखे.

1912 -1955

विश्व-विख्यात उर्दू कहानीकार l 'ठंडा गोश्त', 'खोल दो', 'टोबा टेक सिंह', 'बू' आदि के रचयिता

1914 -1999

पाकिस्तान के लोकप्रिय हास्य-व्यंग शायर

1957

महत्वपूर्ण आधुनिक कहानीकारों में शामिल, अतीत से सम्बद्ध सांस्कृतिक परिदृश्य में नये अंदाज़ की कहानियाँ लिखने के लिए प्रसिद्ध. उर्दू में पहली बार जानवरों और ग़ैर जानदार वस्तुओं को केन्द्रीय पात्रों के रूप में प्रस्तुत किया.

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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