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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

आरसी के दोहे

जैसा उस का क्रोध है वैसा उस का प्यार

अलग अलग होती नहीं दो-धारी तलवार

ध्यान रखे चिंता करे ये है उस की रीत

नारी के संवाद को समझ लेना प्रीत

कब तक ढोती याद की तस्वीरों का भार

इतनी कीलें ठोक दीं टूट गई दीवार

यादें तिरी कट सकीं काट दिए नाख़ून

भींच भींच कर मुट्ठियाँ आने लगा था ख़ून

नन्हे बालक जैसा मन में रहता है संताप

जागे तो शैतान बहुत है सोए तो निष्पाप

सूरज जब सर पर चढ़े धूप पसारे पाँव

लौट आती है जिस्म में सहम के मेरी छाँव

कान अगर है तेरी मेरी समाअतों का साज़

वीराने में पेड़ गिरे तो होगी क्या आवाज़

नदिया सूखी द्वेष की प्रीत करे बदलाओ

आर मिल गया पार से ख़त्म हुआ अलगाव

आँखें चौंधियाई नहीं और झुलसे पाँव

बाँट गई दीवार जो वही दे गई छाँव

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