अहमद सग़ीर के शेर
क़ुम-बे-इज़्निल-इश्क़ से दिल ज़िंदा करेगा
ये मुझ से मोहब्बत के मसीहा ने कहा है
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ख़ुदा-या अपने कुन की लाज रख ले
तिरा शहकार ज़ाए' हो रहा है
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टैग : ज़िंदगी
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