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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Ahmad Sageer's Photo'

अहमद सग़ीर

1990 | लखनऊ, भारत

अहमद सग़ीर के शेर

क़ुम-बे-इज़्निल-इश्क़ से दिल ज़िंदा करेगा

ये मुझ से मोहब्बत के मसीहा ने कहा है

ख़ुदा-या अपने कुन की लाज रख ले

तिरा शहकार ज़ाए' हो रहा है

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