Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Ain Irfan's Photo'

नौजवान हिंदुस्तानी शायर

नौजवान हिंदुस्तानी शायर

ऐन इरफ़ान के शेर

1.6K
Favorite

श्रेणीबद्ध करें

बे-मक़्सद महफ़िल से बेहतर तन्हाई

बे-मतलब बातों से अच्छी ख़ामोशी

बहुत नज़दीक थे तस्वीर में हम

मगर वो फ़ासला जो दिख रहा था

जहाँ तक डूबने का डर है तुम को

चलो हम साथ चलते हैं वहाँ तक

बस एक धुन थी समुंदर को पार करने की

मैं जानता था समुंदर के पार कुछ भी था

गामज़न हैं हम मुसलसल अजनबी मंज़िल की सम्त

ज़िंदगी की आरज़ू में ज़िंदगी खोते हुए

हादिसा कौन सा हुआ पहले

रात आई कि दिन ढला पहले

कभी सोचूँ कि ख़ुद मैं लौट आऊँ

कभी सोचूँ कि ऐसा क्यूँ करूँ मैं

मिरा वजूद जो पत्थर दिखाई देता है

तमाम उम्र की शीशागरी का हासिल है

मेरी तरफ़ सभी कि निगाहें थीं और मैं

जिस कश्मकश में सब थे उसी कश्मकश में था

हो दिन कि चाहे रात कोई मसअला नहीं

मेरे लिए हयात कोई मसअला नहीं

ग़र्क़ होते जहाज़ देखे हैं

सैल-ए-वक़्त-ए-रवाँ समझता हूँ

तिश्नगी पीने की शब थी

आबजू होने का दिन था

करता है कार-ए-रौशनी मुझ को जला के दिन

करती है कार-ए-तीरगी मुझ को बुझा के रात

Recitation

बोलिए