aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Ali Akbar Natiq's Photo'

अली अकबर नातिक़

1976 - - | लाहौर, पाकिस्तान

प्रमुख पाकिस्तानी शायर एवं कथाकार

प्रमुख पाकिस्तानी शायर एवं कथाकार

अली अकबर नातिक़ के शेर

333
Favorite

श्रेणीबद्ध करें

कोई रस्ता नाप सका है, रेत पे चलने वालों का

अगले क़दम पर मिट जाएगा पहला नक़्श हमारा भी

इतना आसाँ नहीं पानी से शबीहें धोना

ख़ुद भी रोएगा मुसव्विर ये क़यामत कर के

आधे पेड़ पे सब्ज़ परिंदे आधा पेड़ आसेबी है

कैसे खुले ये राम-कहानी कौन सा हिस्सा मेरा है

मुख़्तसर बात थी, फैली क्यूँ सबा की मानिंद

दर्द-मंदों का फ़साना था, उछाला किस ने

बस्तियों वाले तो ख़ुद ओढ़ के पत्ते, सोए

दिल-ए-आवारा तुझे रात सँभाला किस ने

आसमाँ के रौज़नों से लौट आता था कभी

वो कबूतर इक हवेली के छजों में खो गया

सर्द रातों की हवा में उड़ते पत्तों के मसील

कौन तेरे शब-नवर्दों को सँभाले शहर में

चराग़ बाँटने वालों हैरतें करो

ये आफ़्ताब हैं, शब की दुआ में शाद रहें

ज़र्द फूलों में बसा ख़्वाब में रहने वाला

धुँद में उलझा रहा नींद में चलने वाला

हिजाब गया था मुझ को दिल के इज़्तिराब पर

यही सबब है तेरे दर पे लौट कर सका

किसी का साया रह गया गली के ऐन मोड़ पर

उसी हबीब साए से बनी हमारी दास्ताँ

वो शख़्स अमर है, जो पीवेगा दो चाँदों के नूर

उस की आँखें सदा गुलाबी जो देखे इक लाल

धूप फैली तो कहा दीवार ने झुक कर मुझे

मिल गले मेरे मुसाफ़िर, मेरे साए के हबीब

ग़ुबार-ए-शहर में उसे ढूँड जो ख़िज़ाँ की शब

हवा की राह से मिला, हवा की राह पर गया

फ़ाख़ताएँ बोलती हैं बाजरों के देस में

तू भी सुन ले आसमाँ ये गीत मेरे नाम का

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए