Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Anjum Azmi's Photo'

अंजुम आज़मी

1931 - 1990 | कराची, पाकिस्तान

पाकिस्तानी शायर और लेखक, ‘लब ओ रुख़सार’ नाम से मुहब्बत की नज़्मों का संग्रह प्रकाशित हुआ ‘शायरी की ज़बान’ उनके आलोचनात्मक लेखों का संग्रह है

पाकिस्तानी शायर और लेखक, ‘लब ओ रुख़सार’ नाम से मुहब्बत की नज़्मों का संग्रह प्रकाशित हुआ ‘शायरी की ज़बान’ उनके आलोचनात्मक लेखों का संग्रह है

अंजुम आज़मी के शेर

247
Favorite

श्रेणीबद्ध करें

तुझ से पर्दा नहीं मिरे ग़म का

तू मिरी ज़िंदगी का महरम है

बिठा के सामने तुम को बहार में पी है

तुम्हारे रिंद ने तौबा भी रू-ब-रू कर ली

दिल का'बा है ने कलीसा है

तेरा घर है हरीम-ए-मरियम है

अब वो जोश-ए-वफ़ा है वो अंदाज़-ए-तलब

अब भी लेकिन तिरे कूचे से गुज़र होता है

कोई तो ख़ैर का पहलू भी निकले

अकेला किस तरह ये शर रहेगा

ख़ाक ने कितने बद-अतवार किए हैं पैदा

ये होते तो उसी ख़ाक से क्या क्या होता

ख़ाली भी तो कर ख़ाना-ए-दिल दुनिया से

इस घर में मिरी जान ख़ुदा आएगा

आओ ख़ुश हो के पियो कुछ कहो वाइज़ को

मय-कदे में वो तमाशाई है कुछ और नहीं

इलाज उस का गुज़र जाना है जाँ से

गुज़र जाने का जाँ से डर रहेगा

ग़लत है जज़्बा-ए-दिल पर नहीं कोई इल्ज़ाम

ख़ुशी मिली हमें जब तो ग़म की ख़ू कर ली

मेरी दुनिया में अभी रक़्स-ए-शरर होता है

जो भी होता है ब-अंदाज़-ए-दिगर होता है

निकलो भी कभी सूद-ओ-ज़ियाँ से वर्ना

कूचे में तिरे कौन भला आएगा

क्यूँ हुआ मुझ को इनायत की नज़र का सौदा

आज रुस्वाई ही रुस्वाई है कुछ और नहीं

Recitation

बोलिए