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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Armaan Jodhpuri's Photo'

अरमान जोधपुरी

1994 | राजस्थान, भारत

अरमान जोधपुरी के शेर

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सारी दुनिया तिरी होंटों की हँसी में गुम है

कौन देखेगा मिरी आँख के पानी की तरफ़

प्यासी बहुत थीं हसरतें लो आज मर गईं

बारिश का इंतिज़ार था वो भी नहीं रहा

मैं ने देखा तो नहीं 'मीर' का दीवान मगर

जानता हूँ तिरी आँखों की तरह होता है

पहले पहले ख़ूब मोहब्बत की हम ने

फिर हम दोनों ने ये रस्ता छोड़ दिया

आख़िर तिरे सवाल का मैं क्या जवाब दूँ

मेरे हम-ख़याल ज़रा सोचने तो दे

वो जिस से मौत निकालेगी एक दिन कर

तुम्हें ख़बर है उसी ज़िंदगी की क़ैद में हूँ

मैं ने उखाड़ फेंके हैं बाज़ू से ऐसे पर

जो बोझ थे कभी मिरी ऊँची उड़ान में

ज़िंदगी ज़ुल्फ़ नहीं थी जो सँवारी जाती

ज़िंदगी और उलझती गई सुलझाने में

दूरियाँ तुम ने ही बढ़ाई थीं

हम तो अपनी जगह पे ठहरे हैं

उस की आँखों से नींद ग़ाएब है

और मैं शक के दाएरे में हूँ

क्यों ज़ुल्म करती है दुनिया हम इश्क़ वालों पर

हम इश्क़ करते हैं कोई ख़ता नहीं करते

कम से कम इतना इशारा तो करो जाते हुए

तुम कभी याद जो आओ तो किसे याद करें

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