अज़ीज़ नबील के शेर
फिर नए साल की सरहद पे खड़े हैं हम लोग
राख हो जाएगा ये साल भी हैरत कैसी
-
टैग : नया साल
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
सारे सपने बाँध रखे हैं गठरी में
ये गठरी भी औरों में बट जाएगी
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
वो एक राज़! जो मुद्दत से राज़ था ही नहीं
उस एक राज़ से पर्दा उठा दिया गया है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
एक तख़्ती अम्न के पैग़ाम की
टाँग दीजे ऊँचे मीनारों के बीच
-
टैग : अम्न
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
चुपके चुपके वो पढ़ रहा है मुझे
धीरे धीरे बदल रहा हूँ मैं
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
किसी से ज़ेहन जो मिलता तो गुफ़्तुगू करते
हुजूम-ए-शहर में तन्हा थे हम, भटक रहे थे
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
'नबील' ऐसा करो तुम भी भूल जाओ उसे
वो शख़्स अपनी हर इक बात से मुकर चुका है
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
गुज़र रहा हूँ किसी ख़्वाब के इलाक़े से
ज़मीं समेटे हुए आसमाँ उठाए हुए
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
हम क़ाफ़िले से बिछड़े हुए हैं मगर 'नबील'
इक रास्ता अलग से निकाले हुए तो हैं
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
तमाम शहर को तारीकियों से शिकवा है
मगर चराग़ की बैअत से ख़ौफ़ आता है
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मैं किसी आँख से छलका हुआ आँसू हूँ 'नबील'
मेरी ताईद ही क्या मेरी बग़ावत कैसी
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मुसाफ़िरों से कहो अपनी प्यास बाँध रखें
सफ़र की रूह में सहरा कोई उतर चुका है
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मैं छुप रहा हूँ कि जाने किस दम
उतार डाले लिबास मुझ को
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
'नबील' इस इश्क़ में तुम जीत भी जाओ तो क्या होगा
ये ऐसी जीत है पहलू में जिस के हार चलती है
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
चाँद तारे इक दिया और रात का कोमल बदन
सुब्ह-दम बिखरे पड़े थे चार सू मेरी तरह
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
न जाने कैसी महरूमी पस-ए-रफ़्तार चलती है
हमेशा मेरे आगे आगे इक दीवार चलती है
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
रोज़ दस्तक सी कोई देता है सीने में 'नबील'
रोज़ मुझ में किसी आवाज़ के पर खुलते हैं
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मैं दस्तरस से तुम्हारी निकल भी सकता हूँ
ये सोच लो कि मैं रस्ता बदल भी सकता हूँ
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
साँस लेता हुआ हर रंग नज़र आएगा
तुम किसी रोज़ मिरे रंग में आओ तो सही
यूँ लगता है सारी दुनिया बंद है मेरी मुट्ठी में
जिस दम मेरी उंगली पकड़े मेरा बेटा चलता है
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
क़लम है हाथ में किरदार भी मिरे बस में
अगर मैं चाहूँ कहानी बदल भी सकता हूँ
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
सैकड़ों रंगों की बारिश हो चुकेगी उस के बाद
इत्र में भीगी हुई शामों का मंज़र आएगा
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
बुझी-बुझी सी ये बातें धुआँ-धुआँ लहजा
किसी 'अज़ाब में अंदर से जल रहे हो क्या
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
बहका तो बहुत बहका सँभला तो वली ठहरा
इस चाक-गरेबाँ का हर रंग निराला था
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
हाथ ख़ाली न थे जब घर से रवाना हुआ मैं
सब ने झोली में मिरी अपनी ज़रूरत रख दी
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
क़ैद कर के घर के अंदर अपनी तन्हाई को मैं
मुस्कुराता गुनगुनाता घर से बाहर आ गया
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
आदतन सुलझा रहा था गुत्थियाँ कल रात मैं
दिल परेशाँ था बहुत और मसअला कोई न था
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मिरा तरीक़ा ज़रा मुख़्तलिफ़ है सूरज से
जहाँ पे डूबा वहीं से उभरने वाला हूँ
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ये बूँदें पहली बारिश की ये सोंधी ख़ुशबू माटी की
इक कोयल बाग़ में कूकी है आवाज़ यहाँ तक आई है
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
क्या ज़रूरी है कि हर बात तुम्हारी मानूँ
बात अपनी भी कई बार न मानी मैं ने
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
शायरी इश्क़ ग़म रिज़्क़ किताबें घर-बार
कितनी सम्तों में ब-यक-वक़्त गुज़र है मेरा
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
यूँही वो भी पूछता है तुम कैसे हो किस हाल में हो
यूँही मैं भी कह देता हूँ सब कुछ अच्छा चलता है
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मियाँ तुम दोस्त बन कर जो हमारे साथ करते हो
वही सब कुछ हमारे दुश्मन-ए-जानी भी करते हैं
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ये किस के लम्स की बारिश में रंग रंग हूँ मैं
ये कौन मुझ से गुज़रता है आब-ओ-ताब के साथ
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
धूप की टूटी हुई तख़्ती पे बारिश ने लिखा
घर के अंदर बैठ कर मौसम का अंदाज़ा न कर
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
अजब रूठे हुए लोगों से अपनी आश्नाई है
न मिलने का हमेशा इक बहाना साथ रखते हैं
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
बिखर रही थी हवाओं में ए'तिबार की राख
और इंतिज़ार की मुट्ठी में ज़िंदगी कम थी
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
वो जा रहा था तो रोका नहीं उसे तुम ने
वो जा चुका है तो अब हाथ मल रहे हो क्या
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
चराग़ की थरथराती लौ में हर ओस क़तरे में हर किरन में
तुम्हारी आँखें कहाँ नहीं थीं तुम्हारा चेहरा कहाँ नहीं था
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
आने वालों की मोहब्बत ही बहुत है मुझ को
जाने वालों से कहाँ कोई शिकायत है मुझे
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
सवाल था कि जुस्तुजू 'अज़ीम है कि आरज़ू
सो यूँ हुआ कि 'उम्र-भर जवाब लिख रहे थे हम
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मुसलसल धुंद हल्की रौशनी भीगे हुए मंज़र
ये किन बरसी हुई आँखों की निगरानी में आए हैं
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मैं ने कुछ रंग उछाले थे हवाओं में 'नबील'
और तस्वीर तिरी ध्यान से बाहर आई
इक तआ'रुफ़ तो ज़रूरी है सर-ए-राह-ए-जुनूँ
दश्त वाले नए बर्बाद को कब जानते हैं
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
जान लेता हूँ हर इक चेहरे के पोशीदा नुक़ूश
तुम समझते हो कि मैं कुछ भी नहीं जानता हूँ
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
तुम ने आवाज़ को ज़ंजीर से कसना चाहा
देख लो हो गए अब हाथ तुम्हारे ज़ख़्मी
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
तुम्हें तो आज की शब मेरा क़त्ल करना था
कहाँ चले हो इरादा बदल रहे हो क्या
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
आदतन मैं किसी एहसास के पीछे लपका
दफ़अ'तन एक ग़ज़ल दश्त-ए-सुख़न से निकली
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मेरी मिट्टी में मोहब्बत ही मोहब्बत है 'नबील'
छू के देखो तो सही हाथ लगाओ तो सही
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड