नसीम देहलवी के शेर
नाम मेरा सुनते ही शर्मा गए
तुम ने तो ख़ुद आप को रुस्वा किया
-
टैग : शर्म
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
आँखों में है लिहाज़ तबस्सुम-फ़िज़ा हैं लब
शुक्र-ए-ख़ुदा के आज तो कुछ राह पर हैं आप
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
का'बा नहीं है ज़ाहिद-ए-ग़ाफ़िल निशान-ए-दोस्त
दिल ढूँड आशिक़ों का यही है मकान-ए-दोस्त
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
रब्त-ए-बाहम के मज़े बाहम रहें तो ख़ूब हैं
याद रखना जान-ए-जाँ गर मैं नहीं तो तू नहीं
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
कुफ़्र-ओ-दीं के क़ाएदे दोनों अदा हो जाएँगे
ज़ब्ह वो काफ़िर करे मुँह से कहें तकबीर हम
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
सैलाब-ए-चश्म-ए-तर से ज़माना ख़राब है
शिकवे कहाँ कहाँ हैं मिरे आब-दीदा के
-
टैग : आब दीदा
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
तिरा जमाल बना मैं कभी, कभी एहसाँ
ग़रज़ ये थी कि मुझे बरगुज़ीदा होना था
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ऐ सकिनान-ए-चर्ख़-ए-मुअल्ला बचो बचो
तूफ़ाँ हुआ बुलंद मिरे आब-दीदा का
-
टैग : आब दीदा
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
कभी आग़ोश में रहता कभी रुख़्सारों पर
काश ऐ आफ़त-ए-जाँ मैं तिरा आँसू होता
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
'नसीम'-ए-देहलवी हम मोजिद-ए-बाब-ए-फ़साहत हैं
कोई उर्दू को क्या समझेगा जैसा हम समझते हैं
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
शौक़-ए-शराब ख़्वाहिश-ए-जाम-ओ-सुबू नहीं
है सब हराम जब से कि पहलू में तू नहीं
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
तसद्दुक़ होने वाले पिस न जाएँ
उठाए हाथ से दामन को चलिए
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
निकलते हैं बराबर अश्क मेरी दोनों आँखों से
मता-ए-दर्द तुलने की तराज़ू हो तो ऐसी हो
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
अल्लाह रे तरद्दुद-ए-ख़ातिर की कसरतें
तूदा बना दिया मुझे गर्द-ए-मलाल का
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
कार-ए-दीं या फ़िक्र-ए-दुनिया कीजिए
ज़िंदगी थोड़ी है क्या क्या कीजिए
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मतलब की बात कह न सके उन से रात-भर
मा'नी भी मुँह छुपाए हुए गुफ़्तुगू में था
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ख़्वाहिश-ए-वस्ल से ख़त पढ़ने के क़ाबिल न रहा
लिपटे अल्फ़ाज़ से अल्फ़ाज़ मुकर्रर हो कर
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मीज़ान-ए-अदालत हैं मिरे दीदा-ए-पुर-आब
हम-वज़्न हर आँसू का हर आँसू नज़र आया
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
आवाज़ की तरह से बैठेंगे आज ऐ जाँ
देखें तो आप क्यूँकर हम को उठा ही देंगे
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
भूलती हैं कब निगाहें चश्म-ए-जादू-ख़ेज़ की
हम को सामान-ए-फ़रामोशी सब अपना याद है
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
रात-दिन बाज़ू-ए-मिज़्गाँ पे बँधा रहता है
है मिरा अश्क मिरे दीदा-ए-तर का ता'वीज़
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
न यूँ नीची किए गर्दन को चलिए
ज़रा ऊँची किए चितवन को चलिए
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
अब वो गली जा-ए-ख़तर हो गई
हाल से लोगों को ख़बर हो गई
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
वो जिस रस्ते से निकले देख लेना
कि उस रस्ते में फिर रस्ता न होगा
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
रोज़ हो जाती हैं हम से एक दो अठखेलियाँ
नौजवानी आज तक बाक़ी है चर्ख़-ए-पीर की
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मज़ा मतला का दे फ़िक्र-ए-दो-पहलू हो तो ऐसी हो
रहें हिस्से बराबर बैत-ए-अबरू हो तो ऐसी हो
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
हुस्न-ए-बरहनगी के उठाते बड़े मज़े
होता न रूह को जो लिबास-ए-बदन हिजाब
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
आँसू पोंछेंगे कब तक अहबाब
टपका न रुकेगा चश्म-ए-तर का
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
प्यार से दुश्मन के वो आलम तिरा जाता रहा
ऐसे लब चूसे कि बोसों का मज़ा जाता रहा
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
पड़ गई छींट तो इतना न ख़फ़ा हो वाइ'ज़
मय रहेगी तिरी आग़ोश में दुख़्तर हो कर
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
गुंग हैं जिन को ख़मोशी का मज़ा होता है
दहन-ए-ज़ख़्म में ख़ुद क़ुफ़्ल-ए-हया होता है
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मतलब है मिरा आरिज़-ए-पुर-नूर का जल्वा
आशिक़ हूँ तिरा नाम को बंदा हूँ ख़ुदा का
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ऐसे मुसाफ़िरान-ए-अदम तंग-दिल गए
मुँह भी किया न आलम-ए-ईजाद की तरफ़
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ऐ चर्ख़-ए-पीर ज़ोर-ए-जवानी से दर-गुज़र
अब पास चाहिए तुझे पुश्त-ए-ख़मीदा का
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
कहते हैं जिसे हुस्न वो है शम-ए-जहाँ-ताब
कहते हैं जिसे इश्क़ वो परवाना है उस का
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
एक से दो दाग़ दो से चार फिर तो सैकड़ों
खिलते खिलते फूल सीने पर गुलिस्ताँ हो गया
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
अदब-ए-बादा-परस्ती न गया मस्ती में
सूरत-ए-काबा तवाफ़-ए-दर-ए-मय-खाना है
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ठंडी कभी न होंगी क्या गर्मियाँ तुम्हारी
आख़िर 'नसीम' का दिल कब तक जलाइएगा
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
तुम्हारे हुस्न ने हर दाँव में उसे जीता
हज़ार तरह से घट-बढ़ के बाज़ी हारा चाँद
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मैं हूँ इक और ही लैला का माइल
तसल्ली क्या मिरी महमिल से होगी
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
अबरू में ख़म जबीन में चीं ज़ुल्फ़ में शिकन
आया जो मेरा नाम तो किस किस में बल पड़े
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
कसरत-ए-दौलत में लुत्फ़-ए-ख़ाना-बरबादी भी है
शहद के होने से लुट जाता है घर ज़ंबूर का
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
साकिन-ए-मस्जिद कभी गह मोतकिफ़ है दैर का
मिल्लत-ओ-दीन-ए-'नसीम'-ए-देहलवी रिंदाना है
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मज़मून के भी शे'र अगर हों तो ख़ूब हैं
कुछ हो नहीं गई ग़ज़ल-ए-आशिक़ाना फ़र्ज़
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
सैकड़ों मन से भी ज़ंजीर मिरी भारी है
वाह क्या शौकत-ए-सामान-ए-गुनह-गारी है
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
क्या उस हराम-ख़ोर को जुज़ मुर्दा है नसीब
आया न मुँह में गोर के लुक़्मा हलाल का
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
हुब्ब-ए-दुनिया उल्फ़त-ए-ज़र दिल से दम-भर कम नहीं
उस पर ऐ ज़ाहिद इरादा है ख़ुदा की याद का
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ख़ूब ही फिर तो समझता मैं दिल-ए-दुश्मन से
एक साअ'त मिरे पहलू में अगर तू होता
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
हर्फ़ों के मिले जोड़ बढ़ा हुस्न रक़म का
हर लफ़्ज़ के पैवंद में बख़िया है क़लम का
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड