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Raja Mehdi Ali Khan's Photo'

राजा मेहदी अली ख़ाँ

1915 - 1966 | मुंबई, भारत

हास्य-व्यंग के चर्चित शायर। महत्वपूर्ण फ़िल्म गीतकार , फ़िल्म ' मेरा साया ' के गीत ' झुमका गिरा रे ' के लिए प्रसिध्द

हास्य-व्यंग के चर्चित शायर। महत्वपूर्ण फ़िल्म गीतकार , फ़िल्म ' मेरा साया ' के गीत ' झुमका गिरा रे ' के लिए प्रसिध्द

राजा मेहदी अली ख़ाँ के शेर

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किस की आँखों से गिरा है ये

ये समुंदर है बड़ा सा आँसू

पहले हम को बहन कहा अब फ़िक्र हमीं से शादी की

ये भी सोचा बहन से शादी कर के क्या कहलाएँगे

उड़ा लेती हैं सब नक़दी तलाशी जेब की ले कर

हम अपनी ही कमाई उन से डर डर के छुपाते हैं

जब अपना दुख सुनाऊँ क़मर के पिदर को मैं

कहते हैं देख आग लगा दूँगा घर को मैं

'ज़ौक़' कितने रूपे कमाता था

अपनी बीवी से क्यूँ छुपाता था

वो सब के इज़हार-ए-मातम करेंगे

वो बैठक में रोएँगे चाय पिएँगे

कर लीजे 'रज़िया' से मोहब्बत हम पर कीजे नज़र-ए-करम

वो बे-चारी फँस जाएगी हम उस को समझाएँगे

मैं तुम पे हूँ 'जाँ-निसार-अख़्तर' क़सम है 'मुंशी-फ़िदा-अली' की

बहुत दिनों से मैं तुम पे 'साहिर' से जादू टोने करा रहा हूँ

अगर हो तुम 'हाजरा' तो फिर मुझ से मिल के 'मसरूर' क्यूँ नहीं हो

तुम्हारे आगे 'ओपेंदर-नाथ-अश्क' बन के आँसू बहा रहा हूँ

बुरी बुरी नज़रें चेहरे पर डाल रहे हैं उफ़ तौबा

हम अपने दोनों गालों को जा के अभी धो आएँगे

बिल्लू को चुप कराऊँ कि मारूँ क़मर को मैं

फर्श-ए-ज़मीन धोऊँ कि मांजूँ कुकर को मैं

ख़ुदाया आज के शौहर हैं या मासूम बच्चे हैं

ज़रा सा घूर ले बीवी तो झट ये सहम जाते हैं

शेरों की तरह टूट पड़े के मेज़ पर

जो चीज़ भी मिली वो चबाते चले गए

बिस्मिल्लाह अरे-वाह मैं क़ुर्बान मैं क़ुर्बान

क्या ख़ूब लगी है कमंद अल्लाह तिरी शान

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